सोमवार, 7 जुलाई 2014

रेल बजट आज, बुलेट ट्रेन से लेकर सुरक्षा पर होगा जोर

नई दिल्ली। देश की जनता को अच्छे दिन दिखाने का वादा कर चुके पीएम नरेंद्र मोदी की सबसे पहली चुनौती आज रेल बजट के रूप में होगी। देश में हाई स्पीड कॉरीडोर, बुलेट ट्रेन और कई शहरों में मेट्रो ट्रेनें दौड़ाने का ख्वाब दिखाने वाली मोदी सरकार के पहले रेल बजट में कुछ ऐसी योजनाओं का प्रस्ताव किए जाने की संभावना है जिनसे रेलवे की तस्वीर, रफ्तार और क्षमता में व्यापक परिवर्तन नजर आएगा। अब देखना यह होगा कि मोदी एक्सप्रेस चला रहे रेल मंत्री सदानंद गौड़ा देश की जनता का सफर कितना सुहाना बना पाते हैं। वैसे एक्सप‌र्ट्स इस रेल बजट को लेकर जो कयास लगा रहे हैं वो कुछ इस तरह से हैं:-
बुलेट ट्रेन का सपना होगा साकार:-
बजट में देश में हाईस्पीड बुलेट ट्रेन, सेमी हाई स्पीड ट्रेन के ऐलान की उम्मीद है। हाल ही में दिल्ली-आगरा डिविजन पर पटरियों की खामियों को दुरुस्त करके 160 किमी की गति से चलने वाली ट्रेन का टेस्ट सक्सेसफुली कंडक्ट किया गया है। रेलवे पहले ही साफ कर चुका है कि 2014 के आखिर तक दिल्ली-आगरा रूट पर 160 से 200 किमी की गति वाली ट्रेन चलने लगेगी। ऐसे में संभावना है कि बजट में सेमी हाई स्पीड ट्रेन की घोषणा की जाएगी। साथ ही कई शहरों में मेट्रो की योजना को भी विस्तार मिल सकता है।
ये हो सकती हैं घोषणाएं:-
1. देश में बुलेट ट्रेन दौड़ाने का ऑफिशियल डिक्लेरेशन
2. हाई स्पीड व सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को मंजूरी
3. हाई स्पीड कॉरीडोर एक्सपेंशन की घोषणा और लंबित कॉरीडोर्स की मंजूरी
4. कई शहरों में मेट्रो ट्रेनों का एक्सपेंशन और ट्विन सिटीज को मेट्रो के जरिए जोड़ा जाना
सुरक्षा पर होगा जोर:-
मोदी के रेल बजट में बुलेट ट्रेन के बाद सबसे ज्यादा जोर रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा में दिया जा सकता है जिसके तहत ये कदम उठाए जा सकते हैं-
-शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में ऑटोमैटिक दरवाजे लगाने की घोषणा संभव।
-ट्रेनों के डिब्बों में आग पर काबू पाने वाली एक विशेष प्रणाली स्थापित करने का ऐलान संभव।
-देश में रेलगाड़ियों के पुराने कोचों को चरणबद्ध ढंग से बदल कर आधुनिक कोच लगाने पर होगा जोर।
-गाड़ियों में टक्कर रोधी प्रणाली लगाना और प्रमुख रेलमार्गो पर पुरानी पटरियों को बदलना व पटरियों के को दुरूस्त करने के लिए फंड हो सकता है सैंक्शन
-रेल संरक्षा कोष बनाने का ऐलान हो सकता है।
ईको फ्रेंडली एनर्जी:-
रेलवे के बजट का एक बडा भाग डीजल एवं बिजली की खरीद पर खर्च होता है ऐसे में ज्यादा से ज्यादा रूटों का विद्युतीकरण समेत एनर्जी सेविंग और ईको फ्रेंडली बनाने पर मोदी का बजट हो सकता है फोकस्ड।
-स्टेशनों पर खर्च होने वाली बिजली को सोलर व विंड एनर्जी के प्रोडक्शन का ऐलान संभव।
-बजट में रेल मंत्री देश के सौ स्टेशनों को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने वाले स्टेशन बनाने का ऐलान कर सकते हैं।
-डीजल की खपत घटाने के लिये रेललाइनों को विद्युतीकरण का काम तेज करने और डीजल इंजनों में सीएनजी के उपयोग की योजना का भी हो सकता है खुलासा।
रेवेन्यू बढ़ाने का चैलेंज:-
मोदी सरकार के सामने रेलवे के अपलिफ्टमेंट में जो सबसे बड़ी समस्या आ रही है वो ये है कि मिनिस्ट्री कहीं न कहीं रेवेन्यू की कमी से जूझ रही है। ऐसे में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ये घोषणाएं हैं संभव..
-हाई कैपेसिटी वाले दुग्ध वैन और नमक ढुलाई के हल्के डब्बों के निर्माण का ऐलान।
-इस्पात के परिवहन के लिए और अधिक क्षमता के वैगनों के निर्माण की बजटीय योजना को मिल सकती है हरी झंडी।
-रेल बजट में उच्च क्षमता वाले पार्सल वैन के विकास के प्रावधन का जिक्र हो सकता है।
एफडीआई पर फैसला:-
मोडी पहले ही रेलवे के अपलिफ्टमेंट के लिए एफडीआई की मंजूरी दे चुके हैं मगर होम मिनिस्ट्री द्वारा पूरी तरह से एफडीआईकी मंजूरी को देश की सुरक्षा के लिए घातक करार दिया गया है। ऐसे में बजट में रेलवे में एफडीआई की गाइडलाइन्स प्रस्तुत की जा सकती है।
सुविधाओं की सौगात:-
रेलवे बजट में बड़ी घोषणाओं के अलावा आम यात्रियों की सुविधा के लिए तमाम सारी घोषणाएं हो सकती हैं जैसे कि
-सभी राजधानी व शताब्दी ट्रेनों में वाई-फाई इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा का ऐलान संभव
-शताब्दी गाडियों में हर सीट पर हवाई जहाज की तर्ज पर छोटे टीवी स्क्रीन लगाने का ऐलान संभव
-स्टेशनों पर प्लैटफॉर्म शेड बनाना, -राजधानी-शताब्दी गाड़ियों में फूड मेन्यू में वैराइटी क्वालिटी लाना
-राजधानी में डिस्पोजेबल यानी एक बार इस्तेमाल करके फेंक देने वाली चादर उपलब्ध कराना शमिल है
-ऐसा संभव है कि महंगाई पर घिरती जा रही सरकार फिलहाल सीधे तौर पर यात्री किराया न बढ़ाए मगर रेलवे में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए आगे चलकर संशोधन कर सकती है